Vol. 2, Issue 4 (2016)
प्रभा खेतान के उपन्यास छिन्नमस्ता में स्त्री की सामाजिक स्थिति
Author(s): डाॅ0 रेनू आनन्द
Abstract: जब भी स्त्री की सामाजिक स्थिति एवं उसकी सामाजिक क्रियाकलापों की साहित्यिक चर्चा होती है तो, प्रभा खेतान के उपन्यासों पर अनायास ही ध्यान चला जाता है। प्रभा खेतान ने जिस बेबाकी से स्त्री के सामाजिक सरोकारों की चर्चा अपने उपन्यासों में करी है, वह बेहतरीन है। उनका उपन्यास छिन्नमस्ता भी ऐसा है, जिसमें उन्होंने स्त्री पात्रों को जीवित कर दिया है। उनके स्त्रीपात्र आधुनिक स्त्री एवं साथ-साथ परम्परागत मूल्यों को दर्शित करते हैं। भारत जैसे विकासशील देश में स्त्री की दशा कभी-भी पूर्ण रूप से सम्मानजनक नहीं रही है, और वोे सदियों से संघर्ष ही करती रही है। प्रस्तुत शोध पत्र में प्रभा खेतान के उपन्यास छिन्नमस्ता के विभिन्न स्त्री पात्रों जैसे प्रिया, छोटी मां, नीना आदि को केन्द्र में रखते हुए, स्त्री की सामाजिक स्थिति की चर्चा की गई है।