Vol. 2, Issue 6 (2016)
सोशल मीडिया के उपयोग के बाद युवाओं की पुस्तकों से बढ़ती दूरी का अध्ययन
Author(s): दीपक राय
Abstract: पहले के समय में जब लोग खालीपन महसूस करते थेे तो वे पुस्तक, अखबार या अन्य कहानियों की पुस्तकों को पढ़ने बैठ जाते थे। यात्रा के समय भी लोगों का यही रवैया कायम रहता था। चलती रेलगाड़ी में किताबें पढ़ी जाती थीं। मुंशी प्रेमचंद के कालजयी उपन्यास यथा- गबन, गोदान सभी की पसंद हुआ करते थे। तब परिजन अपने बच्चों को पंचतंत्र पढ़ने की सलाह देते थे। ये 20वीं सदी का अंतिम दौर था। धीरे-धीरे 21वीं सदी के पदचाप के साथ बहुत सारी चीजों में बड़े बदलाव सामने आये। अब जब भी मन कुछ पढ़ने का होता है तो सबसे पहले हमारा ध्यान पुस्तकों की बजाय स्मार्टफोन पर जाता है। पुस्तकों का स्थान इंटरनेट ने ले लिया है। ज्ञानवर्धक कहानी कविताओं की बजाय सोशल मीडिया साइट पर शेयर हो रही पोस्ट पढ़ी जाने लगी हैं। फेसबुक, यू-ट्यूट, इंस्टाग्राम में दोस्तों की फोटो देखी जाने लगी हैं। सबसे ज्यादा असर इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस वाट्सएप का हो रहा है। इस स्मार्टफोन ने लोगों को पुस्तकों से दूर करने में महती भूमिका अदा की है। सोशल मीडिया साइट का बढ़ता उपयोग लोगों को वास्तविक ज्ञान से दूर एक आभाषी दुनिया की ओर खींच रहा है, जिसकी सच्चाई का किसी को पता भी नहीं है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया ने लोगों की पढ़ने की आदत को कम कर दिया है।