‘राष्ट्रवाद’ एक राजनीतिक चिंतन तथा विचारों में एक उभयभावी अवधारणा रही है। सभी प्रकार के मौजूदा ‘वादों’ जैसे- साम्राज्यवाद, धर्मनिरपेक्षवाद, उदारवाद, समुदायवाद, क्षेत्रवाद, गांधीवाद, अन्तर्राष्ट्रीयवाद और राष्ट्रवाद आदि में, राष्ट्रवाद की अवधारणा सबसे अधिक विमर्शित और प्रतिस्पर्धात्मक रही है।