प्राचीन कालीन शिक्षा में शिक्षकः छात्र संबंध व आधुनिक काल में शिक्षकः छात्र संबंधों के प्रति अभिभावकों की अभिवृत्ति का अध्ययन करना
Pratibha Jain
प्राचीन काल से शिक्षक (गुरु) छात्र के संबंध को सर्वोपरि रखा गया है। शिक्षक और छात्र का संबंध वास्तव में ही बहुत अमूल्य है अभिभावक भले ही बच्चे को जन्म देते है किंतु उन्हें जीवन जीने की कला गुरु या षिक्षक ही सिखाता है बस जरुरत है छात्र षिक्षक के संबंध को सही दिषा में आगे बढ़ाने की।
यह भी सत्य है कि एक योग्य शिक्षक से कठिन परिश्रम की प्रेरणा मिल सकती है इसके लिये शिक्षक छात्र संबंधों में प्रेम एवं आदर का भाव होना आवष्यक है, नई पीढ़ी को षिक्षित सभ्य बनाने के लिये षिक्षक छात्र को संबंधों को गरिमा प्रदान करने की विषेष आवष्यकता है।
Pratibha Jain. प्राचीन कालीन शिक्षा में शिक्षकः छात्र संबंध व आधुनिक काल में शिक्षकः छात्र संबंधों के प्रति अभिभावकों की अभिवृत्ति का अध्ययन करना. International Journal of Hindi Research, Volume 6, Issue 4, 2020, Pages 114-115