भूमण्डलीकरण के परिप्रेक्ष्य में असगर वजाहत की कहानियाँ
माला कुमारी
हिन्दी के अधिकांश रचनाकारों ने अपने लेखन में भूमण्डलीकरण, उपभोक्तावादी संस्कृति, बाजारवाद, मीडिया आदि के प्रभाव को अभिव्यक्त किया है। अगसर वजाहत ने अपनी कहानियों में भूमण्डलीकरण से प्रभावित सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक, धार्मिक, सांस्कृतिक आदि विभिन्न विषयों के विकृत रूप को उकेरा है। इन्होंने अपनी कहानियों में दिखाया है कि किस प्रकार भूमण्डलीकरण ने निम्न वर्ग के लोगों को और हाशिये पर धकेल दिया है, जो एक तंग जिंदगी जीने को विवश है। उनकी सबसे बड़ी विशेषता है कि उन्होंने समाज के गंभीर से गंभीर मुद्दों को भी बहुत ही कम शब्दों में व्यक्त करने का सार्थक प्रयास किया है, इनकी कई कहानियों में भूमण्डलीकरण के विकृत रूपों को दर्शाया गया है।