भदन्त आनन्द कौसल्यायन का अनुवाद कर्मः डॉ. आम्बेडकर की कृतियों के विशेष सन्दर्भ में
प्रियंका गौतम
अनुवाद हमेशा से ज्ञान के विभिन्न माध्यमों को आपस में जोड़ने का कार्य करता रहा है। इस परम्परा की भव्यता से सामाजिक चेतना को उन्नत बनाने में कई श्रेष्ठ अनुवादकों का विशेष योगदान रहा है, जिन्होंने अपने अनुवाद कर्म द्वारा समाज को ना केवल दूसरी संस्कृतियों से परिचित कराया, अपितु सामाजिक चेतना के प्रसार में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। भन्दत आनन्द कौसल्यायन उन्हीं महान अनुवादकों में से एक हैं। वे एक महान लेखक, प्रसिद्ध बौद्ध दार्शनिक, समाज सुधारक, पालि तथा सिंहली भाषा के मूर्धन्य विद्वान तथा एक महान अनुवादक हैं। उनका नाम बीसवीं सदी के सबसे सक्रिय व्यक्तियों में गिना जाता है। उन्होंने अनेक रचनाकारों की रचनाओं के अनुवाद किए। उन्होंने डॉ. भीमराव आम्बेडकर की भी कई कृतियों का हिन्दी भाषा में अनुवाद किया। इस शोध आलेख में आनन्द कौसल्यायन द्वारा डॉ. आम्बेडकर की कृतियों के हिन्दी अनुवादों और उनके सामाजिक सरोकारों पर प्रकाश डाला गया है।
प्रियंका गौतम. भदन्त आनन्द कौसल्यायन का अनुवाद कर्मः डॉ. आम्बेडकर की कृतियों के विशेष सन्दर्भ में. International Journal of Hindi Research, Volume 8, Issue 3, 2022, Pages 53-55